छत्तीसगढ़ को लघु वनोपज खरीदी, प्रसंस्करण और विपणन के लिए मिले 10 राष्ट्रीय पुरस्कार
रायपुर। लघु वनोपज संग्रहण के क्षेत्र में मॉडल स्टेट के रूप में उभरे छत्तीसगढ़ को भारत सरकार ने विभिन्न श्रेणियों में दस पुरस्कारों से नवाजा है। प्रदेश को छह श्रेणियों में देश भर में प्रथम स्थान प्राप्त हुआ है। राज्य में निर्मित महुआ सैनिटाइजर और ईमली चस्का को नव उत्पाद एवं नवाचार श्रेणी में पुरस्कार मिला है।
प्रदेश के 12 वन धन केन्द्रों को 15 राज्य स्तरीय पुरस्कार भी मिले हैं। केन्द्रीय जनजातीय कार्य मंत्री अर्जुन मुंडा ने नई दिल्ली में आयोजित वर्चुअल कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ को ये पुरस्कार प्रदान किए। छत्तीसगढ़ की इस उपलब्धि पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रसन्नता व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि देश में सर्वाधिक वनोपज क्रय कर छत्तीसगढ़ राज्य ने एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है।
सरकार के इन प्रयासों से वनवासियों की आर्थिक स्थिति सुधरी है। इससे बड़ी संख्या में लोगों को रोजगार मिल रहा है। भारतीय जनजातीय सहकारी विपणन संघ मर्यादित (ट्राइफेड) ने तीन श्रेणियों, न्यूनतम समर्थन मूल्य, वन धन और विक्रय एवं विपणन के अंतर्गत राज्यों के प्रदर्शन का मूल्यांकन कर राष्ट्रीय पुरस्कार प्रदान किए गए हैं। इनमें छत्तीसगढ़ छह श्रेणियों में पूरे देश में अव्वल रहा है। जनजातीय मामलों के केन्द्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने वनोपजों के प्रसंस्करण कार्य में लगे बस्तर के बकावंड और जगदलपुर के स्वसहायता समूहों के कार्यों की प्रशंसा की।
उन्होंने समूह की महिलाओं से चर्चा कर उनकी हौसला अफजाई भी किया। उन्होंने इन महिलाओं से प्रसंस्करण कार्य को और विस्तारित करने कहा। इससे अधिक मात्रा में प्रसंस्कृत सामग्रियों का उत्पादन हो और ज्यादा से ज्यादा लोगों को रोजगार मिले। उन्होंने इस काम में आने वाली समस्याओं को जनजातीय कार्य मंत्रालय से साझा करने कहा।
वन धन पुरस्कार 2020-21 के तहत छत्तीसगढ़ को लघु वनोपजों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य योजना के अंतर्गत सर्वाधिक नए वनोपजों (52) को न्यूनतम समर्थन मूल्य योजना में शामिल करने, भारत शासन की राशि से सर्वाधिक मूल्य (180.51 करोड़ रुपए) का लघु वनोपज खरीदने, केंद्र एवं राज्य शासन की राशि से सर्वाधिक मूल्य (1173 करोड़ रुपए) के लघु वनोपज की खरीदी तथा वर्ष 2020-21 तक उपलब्ध कराई गई राशि (127.09 करोड़ रुपए) की अधिकतम उपयोगिता के लिए प्रथम पुरस्कार मिला है। वन धन योजना के तहत मूल्य संवर्धन के लिए अधिकतम उत्पादों (121) के निर्माण तथा मूल्य संवर्धन कर उत्पादों की अधिकतम बिक्री (4.24 करोड़ रुपए) के लिए भी प्रदेश को पहला पुरस्कार प्राप्त हुआ है। इसी श्रेणी में सर्वाधिक सर्वेक्षण पूर्ण करने और वन धन विकास केंद्र क्लस्टरों के लिए सर्वाधिक प्रशिक्षण के लिए छत्तीसगढ़ को तीसरा पुरस्कार मिला है। नव उत्पाद एवं नवाचार की श्रेणी में राज्य में निर्मित महुआ सेनिटाइजर और ईमली चस्का को पुरस्कत किया गया है।
छत्तीसगढ़ हर्बल्स’’ ब्रांड अमेज़न पर उपलब्ध :
“छत्तीसगढ़ हर्बल्स’’ को एक देशव्यापी ब्रांड के रूप में स्थापित करते हुए यहां के हर्बल उत्पादों का विक्रय पूरे देश में किया जा रहा है। चालू वित्तीय वर्ष 2021-22 में लगभग दस करोड़ रुपए मूल्य के उत्पादों के विक्रय का लक्ष्य रखा गया है। इससे प्रसंस्करण कार्यों में लगे महिला स्व-सहायता समूहों की करीब पांच हजार महिलाएं लाभान्वित होंगी।