छत्तीसगढ़

प्रदेश में 41 लाख विद्यार्थियों मिलेगा सूखा राशन, घर-घर पहुंचाने की होगी व्यवस्था

रायपुर। छत्तीसगढ़ के कक्षा पहली से 8वीं तक के उन बच्चों को जिनका नाम शासकीय शाला, अनुदान प्राप्त अशासकीय शाला अथवा मदरसा-मकतबा में दर्ज है, उन्हें मध्यान्ह भोजन दिया जाएगा।

खाद्य सुरक्षा भत्ता के रूप में 41 लाख, 32 हजार 865 बच्चों को 38 दिनों का सूखा चावल एवं कुकिंग कास्ट के पैसे से दाल, तेल, सूखी सब्जी इत्यादि वितरित होगी।

क्वालिटी के लिए सामग्रियों की पैकिंग के पूर्व और पैकिंग के बाद के फोटोग्राफ लिए जाएंगे। सामग्री के ब्रांड से संबंधित फोटोग्राफ और सामग्री नमूनार्थ एक माह तक रखी जाएगी। किसी प्रकार की शिकायत होने पर गुणवत्ता की जांच होगी। दोषियों पर कड़ी कार्रवाई भी होगी।

ये होगा मापदंड
प्राइमरी स्कूलों में 38 दिनों के लिए प्रति छात्र चावल 3 किलो 800 ग्राम, दाल 760 ग्राम, अचार 238 ग्राम, सोयाबड़ी 380 ग्राम, तेल 190 ग्राम और नमक 238 ग्राम दिया जाना है। मिडिल स्कूलों में 38 दिनों के लिए प्रति छात्र चावल 5 किलो 700 ग्राम, दाल एक किलो एक किलो 140 ग्राम, अचार 380 ग्राम, सोयाबड़ी 570 ग्राम, तेल 285 ग्राम और नमक 380 ग्राम मिलेगा। स्कूलों के लिए चावल पूर्व की तरह ही राशन दुकानों से मिलेगा।

कोरोना के बीच राहत देने की कोशिश

स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम ने बताया कि राज्य सरकार के निर्णय के अनुसार कोरोना के चलते 16 जून से 31 जुलाई तक शालाओं के बंद रहने के 38 शालेय दिवसों का भी पूर्व की तरह मध्यान्ह भोजन का सूखा राशन वितरण किया जा रहा है। स्कूली बच्चों को खाद्य सुरक्षा भत्ता के रूप में सूखा राशन स्कूल में अथवा घर-घर पहुंचाकर देने के लिए डीईओ को कहा गया है।

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