इस जिले में गणेश उत्सव के लिए जिला प्रशासन ने जारी किया गाइडलाइन, इन नियमों के साथ होगी पूजा
जांजगीर-चांपा। 10 सितंबर को देशभर में गणेश चतुर्थी का पर्व मनाया जाएगा। लोग हर साल इस पर्व पर भगवान गणेश जी की धूम-धाम से पूजा करते है। लेकिन कोरोना काल के कारण सभी त्योहारों की रौनक फिकी पड़ गई है। जांजगीर-चांपा जिला प्रशासन ने कोरोना महामारी के तीसरे लहर की संभावना के मद्देनजर गणेश चतुर्थी के लिए गाइडलाइन जारी कर दी है।
इन नियमों का करना होगा पालन
जिला प्रशासन की ओर से जारी गाइडलाइन के अनुसार मूर्ति की ऊंचाई और चौडाई 5*5 फीट से अधिक नहीं होगी। मूर्ति स्थापना वाले पंडाल का आकार 15 फीट से अधिक नहीं रहेगी। पंडाल के सामने कम से कम 3000 वर्गफीट की खुली जगह होनी जरुरी है और इससे कोई भी सड़क अथवा गली का हिस्सा प्रभावित नहीं होनी चाहिए। मुख्य मार्ग, सडक अथवा गलियों में मूर्ति स्थापित करने की अनुमति नहीं दी गई है।
मूर्ति स्थापित करने वाले व्यक्ति अथवा समिति एक रजिस्टर संचारित करेगी जिसमें दर्शन हेतु आने वाले सभी व्यक्तियों का नाम, पता, मोबाइल नंबर दर्ज किया जायेगा ताकि उनमें से कोई भी व्यक्ति कोरोना संक्रमित होने पर कान्टेक्ट ट्रेसिंग किया जा सकें।
एक समय में पंडाल में 20 व्यक्ति से अधिक न हो। दर्शन करने आये सभी लोगों को मास्क पहनना अनिवार्य रहेगा। मूर्ति स्थापित करने वाले व्यक्ति अथवा समिति को सैनेटाइजर थर्मल स्कीनिंग आक्सीमीटर, हैंडवाश एवं क्यू मैनेजमेंट सिस्टम की व्यवस्था करनी होगी।
कंटेनमेंट जोन में मूर्ति स्थापना की अनुमति नहीं होगी। किसी भी प्रकार के भोज, भंडारा, जगराता अथवा सांस्कृति कार्यक्रम करने की अनुमति नही होगी। साथ ही चरणामृत या कोई भी खाद्य एवं पेय पदार्थ वितरण नहीं की जा सकेगी।
मूर्ति विसर्जन के लिये एक से अधिक वाहन की अनुमति नहीं होगी। इस दौरान 4 से अधिक व्यक्ति नहीं जा सकेंगे एवं ये मूर्ति के वाहन में ही बैठेगे।
विसर्जन के लिये स्थानीय प्रशासन द्वारा निर्धारित रूट मार्ग एवं तिथि एवं समय का पालन करना होगा। इन शर्तों के साथ घरों में मूर्ति स्थापित करने की अनुमति होगी, यदि घर से बाहर मूर्ति स्थापित किया जाता है तो कम से 7 दिन पहले शपथ पत्र और आवेदन देना होगा। अनुमति प्राप्त होने के बाद ही मूर्ति स्थापित करने की अनुमति होगी।