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BIRTHDAY SPECIAL : चाय के जूठे कप धोए, कोयला बीना, जानिए एक्टर ओमपुरी के बारे में सब कुछ

बॉलीवुड से लेकर हॉलीवुड तक में दमदार अभिनय कर देश-विदेश में अपनी काबिलियत का लोहा मनवाने वाले ओम पुरी का जन्मदिन है। अपने किरदार से सबका दिल जीतने वाले अभिनेता ओम पुरी ने दो नेशनल फिल्म अवॉर्ड पद्मश्री लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड सहित कई अवार्ड हासिल किया था। इनका जन्म हरियाणा के अंबाला में 18 अक्टूबर 1950 को हुआ था।

इनका जीवन काफी तंगी भरा रहा महज 6 वर्ष की उम्र में उन्होंने 6 साल की उम्र में ओम पुरी ने टी स्टॉल पर बर्तन साफ करने का काम किया और कोयला बीनने तक का काम करते थे। लेकिन एक्टिंग का कीड़ा उन्हें नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा लेकर आया। आज वो हमारे बीच नहीं है लेकिन उनके अभिनय ने कई सारे दिलों को छुआ है।

पुरी की प्रेरक शक्ति थे राम प्रमोद मिश्रा-
आज अगर वे हमारे बीच होते तो अपना 71 वां बर्थडे मना रहे होते, पंजाबी परिवार में जन्मे ओमपुरी के पिता भारतीय रेलवे में काम करते थे। दरअसल, ओम पुरी का साल 2017 में 66 साल की उम्र में निधन हो गया था। अभिनेता के अचानक निधन से कई सवाल खड़े हुए। पुलिस से पूछताछ के दौरान पता चला कि ‘ओम पुरी की बॉडी बिना कपड़ों को थी। उनके सिर में गंभीर चोट लगी थी।

यह चोट 1.5 इंच गहरा और 4 सेंटीमीटर लंबी थी। राम प्रमोद मिश्रा, जो ओम पुरी की प्रेरक शक्ति थे उन्होंने सबसे पहले उन्हें मृत अवस्था में देखा था। ओम बचपन में जिस घर में रहते थे, वहां से कुछ दूरी पर एक रेलवे यार्ड हुआ करता था। ओम जब भी कभी परेशान या फिर उदास होते तो, वहीं जाकर सो जाते थे या फिर वहीं रहते थे, उन दिनों उन्हें ट्रेन से काफी लगाव था और वह सोचा करते कि बड़े होकर रेलवे ड्राइवर बनेंगे लेकिन नाटकों में हिस्सा लेने लगे।

इस फिल्म से मिली खास पहचान-
‘आक्रोश’ ओम पुरी के लिए एक वरदान बनकर आई। फिल्म में अपने दमदार अभिनय के लिए ओम पुरी बेहतरीन सहायक अभिनेता के फिल्म फेयर पुरस्कार से सम्मानित किए गए। उसके बाद ओम ने कई सफल फिल्मों में काम किया, साथ ही छोटे पर्दे पर भी अपना जलवा बिखेरा।

नाटकों में था रूझान- 
ओम अपनी पढ़ाई करने के लिए पटियाला चले गए, यहां पर उनका रूझान अभिनय की ओर हो गया और वह नाटकों में हिस्सा लेने लगे। यहीं पर उन्हें एक वकील के घर पर दूसरी नौकरी मिली, लेकिन नाटक में हिस्सा लेने के कारण वह वकील के यहां काम पर नहीं गए, जिस वजह से उन्हें नौकरी से निकाल दिया गया.ओम पुरी ने पुणे फिल्म संस्थान से अपनी पढ़ाई खत्म की और लगभग डेढ़ वर्ष तक एक स्टूडियो में अभिनय की शिक्षा दी, बाद में ओम पुरी ने निजी थिएटर ग्रुप ‘मजमा’ की स्थापना की।

जीत चुके हैं नेशनल अवॉर्ड- 

ओम पुरी को फिल्म ‘आरोहण’ और ‘अर्ध सत्य’ के लिए बेस्ट एक्टर का नेशनल अवार्ड भी मिला और एक इंटरव्यू के दौरान ओम पुरी ने कहा, ‘अमिताभ बच्चन महान एक्टर हैं और मैं उनका शुक्रगुजार हूं क्योंकि उन्होंने ‘अर्ध सत्य’ फिल्म करने से इंकार कर दिया था. ओमपुरी ने बॉलीवुड के अलावा हॉलीवुड की ‘ईस्ट इज ईस्ट’, ‘सिटी ऑफ जॉय’, ‘वुल्फ’ जैसे फिल्मों में काम किया। इन फिल्मों में उन्होंने लीड रोड प्ले किए थे.

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