रायपुर | रायपुर में बुधवार से शुरू हो रही गणेश चतुर्थी में घर-घर में बप्पा विराजेंगे। शहर की एक सामाजिक संस्था ने आस्था के साथ पर्यावरण की चिंता को जोड़ते हुए अनूठा प्रयोग किया है। एक ऐसे बप्पा तैयार किए हैं जो विसर्जित होकर पौधे का रूप ले लेंगे। आपके गार्डन के गमले में पौधा बनकर बप्पा कुदरत का आशीर्वाद देंगे।इस अनोखी प्रतिमा को तैयार किया है एक पहल संस्था के लोगों ने। शहर के बोरिया खुर्द गोकुल नगर में बनी गोठान में संस्था के सदस्यों ने गाय के गोबर से इस प्रतिमा काे तैयार किया है। 1 फुट की छोटी प्रतिमा 251-501 की सहयोग राशि देकर गोठान से लिया जा सकता है।खाने की चीजों से बने गणेश।ये है कॉन्सेप्टसंस्था के रितेश अग्रवाल ने बताया कि इको फ्रेंडली गणेश प्रतिमा हमनें पूर्णतः प्राकृतिक रंगों और गोबर से बनाई है। इसमें किसी भी प्रकार का केमिकल इस्तेमाल नहीं किया गया है। लोग विसर्जन के दिन इसे घरों के गमले में विसर्जित कर सकते हैं। इसमें हमने पौधे के बीज डाले हैं। गमले में इससे 1 पौधों तैयार होगा।जड़ी बूटी और ड्राई फ्रूट वाले बप्पाहर्रा, बहेरा, तेंदूपत्ता, चार और चिरौंजी से भी रायपुर में गणेश मूर्ति बनाई गई है। रायपुरा के मूर्तिकार शिव चरण यादव का परिवार प्रतिमाओं को अंतिम रूप देने में लगा है। यादव हर साल इसी तरह जड़ी बूटी और खाने -पीने की चीजों से प्रतिमा बनाते हैं। इसके पीछे लॉजिक कमाल का है। इन प्रतिमाओं को जब नदी में विसर्जित किया जाता है तो इसमें लगी चीजें मछलियों के लिए चारा बन जाती हैं। प्रतिमा बनाने में इस्तेमाल पैरा, पेपर का बेस पानी को नुकसान नहीं पहुंचाता। मौली, सुपाड़ी, धान, पास्ता, समुद्री सीप और शंख से भी यादव ने प्रतिमा बनाई है।
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