खरोरा

प्लांट आने की सुगबुगाहट के बीच जमीन फर्जीवाड़ा शुरू, किसानों को सता रही खेतों में सिंचाई की चिंता

खरोरा

छत्तीसगढ़ शाशन की महत्वपूर्ण योजना नरवा, घुरवा, गरवा और बाड़ी के तहत गांव के छोटे-छोटे नालों को सरकार द्वारा विकसित करके किसानों के सिंचाई उपयोग के लिए लाने का अथक प्रयास किया जा रहा है, लेकिन धरातल में कुछ भू माफिया और छोटे राजस्व कर्मचारियों की मिलीभगत के कारण गांव के नालों को उद्योगपतियों को बेचने का खेल खेला जा रहा है।

पच सरपंच को भू-माफिया दे रहे धमकी

वहीं पचरी सरपंच अभिषेक वर्मा ने बताया की विरोध करने पर पर भू-माफिया उनको उनकी पंचायत में आरटीआई लगाने की लगातार धमकी दे रहे हैं। उसके बाद भी आज पचरी सरपंच ने तहसीलदार कृष्ण कुमार साहू को इसके विरुद्ध आवेदन प्रस्तुत कर नामांतरण रोकने की अर्जी दी।

नक्शा काटने वाली अधिकारी ने नहीं दी जानकारी

वहीं इस मामले की जानकारी लेने जब तालाब का नक्शा काटने वाली अधिकारी आरआई जागृति वर्मा से संपर्क किया गया तो उन्होंने पहले तो जानकारी देने से मना कर दिया फिर कहा कि ऑफिस में ही मैं इस संबंध में जानकारी दे पाऊंगी और कार्यालय आने की बात कही।

 

ताजा मामला छड़ीया पचरी में किसान की भूमि दिखाकर नक्शा कुंवरदास कुरे के नाम पर रजिस्ट्री बांध का पानी आता है, जिससे गया है। नाले की बिक्री के साथ सामने आया है, जिसमें सालों पचरी निवासी हिरेन्द्र देवांगन और कर सरकारी नाले को बेच दिया। लगभग 80-100 किसानों की ही पूरे गांव में किसानों में पुराना नाला, जो छड़ीया और दाऊलाल देवांगन पिता भुवन वहीं इस मामले में पचरी खेती में सिंचाई होती थी। यह हड़कंप मचा हुआ है। उन्हें डर पचरी ग्राम की सीमा रेखा पर है, देवांगन के नाम पर काट दिया। सरंपच ने विरोध जताया तो नाला खरोरा-पचरी मेन रोड को है कि नाला बिक गया तो वह जिसका कुछ दिन पहले राजस्व

पीडब्लूडी द्वारा पुल भी बनाया

विभाग के कर्मचारियों ने एक इसके बाद इन लोगों ने दोंदे कला भूमाफिया ने उन्हें धमकी देनी शुरू क्रॉस करता है, जिसमें खेतों में सिंचाई कैसे करेंगे।

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