रायपुर

नाबालिग से दुष्कर्म मामले में एक और आरोपी की पुष्टि, बच्चे का डीएनए आरोपित से हुआ मैच

रायपुर : राजधानी के माना स्थित SOS बाल आश्रम में नबालिग बच्ची से दुष्कर्म की घटना सामने आई थी जिसके खुलासे के बाद पुलिस आनन फानन में घटना के आरोपी की तलाश में जुट गई थी। 1 साल पहले हुए इस कांड में उस समय आश्रम के ही एक कर्मचारी को उस वक्त गिरफ्तार कर लिया गया था और पूरा मामले को बड़े अधिकारी दबाने की जद्दोजहद में लग गए थे।

लेकिन घटना के साल भर बाद जब मामला वापिस उठा तब पुलिस एक्शन में आ गई। इसके बाद ताबड़तोड़ कार्रवाई करते हुए पिछले महीने दुष्कर्म करने वाले मुख्य आरोपी को पुलिस ने बिलासपुर से गिरफ्तार किया था। अब बड़ी जानकारी यह आ रही है कि आरोपी आदित्य खांडे का DNA मैच हो गया है। इस घटना में पिछली बार गिरफ्तार हुए आरोपी का डीएनए मैच नहीं हुआ था जिसके बाद पुलिस मुख्य आरोपी की तलाश कर रही थी।

क्या है पूरा मामला

राजधानी रायपुर के SOS नामक बाल आश्रम में नाबालिग के साथ कर्मचारी के दुष्कर्म करने की घटना सामने आया था। मामला अभी का नहीं बल्कि साल 2021 के जून महीने का है। बताया जा रहा था कि बाल आश्रम के कर्मचारी अंजनी शुक्ला ने बच्ची को झांसे में लेकर उसके साथ शारीरिक संबंध बनाए जिसके बाद बच्ची प्रेग्नेंट हो गई थी। जब नाबालिग गर्भवती हो गई तब इस मामले का खुलासा हुआ था, जिसके बाद नवंबर महीने में माना थाना में शिकायत दर्ज कराई गई थी।

पुलिस ने आरोपी कर्मचारी को गिरफ्तार भी कर लिया था। चोरी छिपे बच्ची की डिलीवरी भी करा ली गई थी जिसमे बच्ची ने एक बच्चे को जन्म दिया था। बड़े पद पर बैठे लोगों ने मामले को पूरी तरह से दबा दिया था और अन्य किसी पर कोई कार्रवाई नहीं की गई थी। पुलिस के मुताबिक मामला संवेदनशील था जिसके बाद उन्होंने आरोपी को फ़ौरन गिरफ्तार कर लिया था।

पुलिस ने बताया कि इसे कोर्ट में पेश किया जाएगा। इससे ये तय हो गया कि इस केस में नाबालिग से गैंगरेप में दो लोग शामिल थे। हालांकि चर्चा दो से अधिक लोगों के शामिल होने की भी है। एक साल पहले हुए इस कांड में एक आरोपी को गिरफ्तार कर केस क्लोज कर दिया गया था। मगर मीडिया में खबरों के बाद एक नए आरोपी को बिलासपुर से पकड़ा गया, जिसका DNA बच्चे से मैच हुआ है।

आरोपी आदित्य खांडे दोस्त अंजनी शुक्ला के साथ आश्रम में ही काम करता था। वहीं बच्ची का रेप किया। दोनों इस कांड में शामिल थे। इस कांड के करीब 6 महीने बाद अंजनी को पकड़ लिया गया था। मगर आदित्य फरार था। आदित्य से पुलिस आश्रम के प्रबंधन के संबंध में भी पूछताछ कर रही है क्योंकि जब बच्ची 6 महीने की प्रेग्नेंट हो गई तब प्रबंधन की ओर से केस दर्ज कराया गया था। तब तक मामला दबाकर रखा क्यों गया इसका जवाब अब तक साफ नहीं हो सका है।

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