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शहद का कभी भी ऐसे न करें सेवन, शरीर हो सकता है खराब, ऋषि चरक ने 5000 साल पहले बता दी थे ये बात…

नई दिल्ली। शहद यह पेशाब के विकारों, ब्रोन्कियल अस्थमा और खांसी में बहुत उपयोगी है। यह एक नैचुरल डिटॉक्सीफायर है। यह हृदय के लिए अच्छा है, त्वचा को निखारता है और एक तरह का कामोत्तेजक है। शहद गहरे घावों को जल्दी ठीक करने में मदद करता है।

नए और पुराने शहद के फायदे

मधुमक्खी के छत्ते से निकाला गया ताजा शहद शरीर का वजन बढ़ाता है और हल्का रेचक होता है। इसी तरह संग्रहित किया हुआ और पुराना शहद फैट के चयापचय में मदद करता है और कफ को खत्म करता है।

आयुर्वेद में शहद का सबसे बड़ा गुण

आयुर्वेद शहद का एक और खास गुण बताता है। शहद को “योगवाही” कहा जाता है। जो पदार्थ सबसे गहरे ऊतकों में प्रवेश करने का गुण रखता है उसे योगवाही कहते हैं। जब शहद का उपयोग अन्य हर्बल तैयारियों के साथ किया जाता है तो यह उन तैयारियों के औषधीय गुणों को बढ़ाता है और उन्हें गहरे ऊतकों तक पहुंचने में भी मदद करता है।

आयुर्वेदिक ऋषि चरक शहद के बारे में क्या कहा?

आयुर्वेदिक ऋषि चरक ने 5000 साल पहले लिखा था कि “शहद के अनुचित सेवन से होने वाली अमा जितनी परेशान करने वाली कोई चीज़ नहीं है। आयुर्वेदिक चिकित्सा में अमा या शरीर में अपाच्य पदार्थ को लगभग सभी रोगों का मूल कारण माना जाता है।

शहद का इस्तेमाल कैसे करें

शहद को गर्म भोजन या पानी में नहीं मिलाना चाहिए। जब आप गर्म वातावरण में काम कर रहे हों तो शहद का सेवन नहीं करना चाहिए। शहद को कभी भी घी के साथ या गर्म, मसालेदार भोजन के साथ नहीं मिलाना चाहिए। इनके अलावा किसी किण्वित पेय पदार्थ जैसे, व्हिस्की, रम, ब्रांडी या सरसों के साथ नहीं मिलाना चाहिए।

शहद खाने का सबसे अच्छा तरीका क्या है?

वजन कम करने के लिए 1 चम्मच शहद को एक गिलास कमरे के तापमान के पानी के साथ मिलाकर खाएं।

खांसी, सर्दी, साइनसाइटिस, इम्यून सिस्टम बढ़ाने के लिए 1 चम्मच शहद, एक चम्मच हल्दी और 1 काली मिर्च मिलाकर सेवन करें।

शहद को कभी भी गर्म पानी में मिलाकर न खाएं। यह बड़ी गलती कई गंभीर प्रभाव डाल सकती है।

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