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लंग कैंसर के ये हैं बड़े कारण, ना नजरअंदाज करें इन संकेतों को…कर देता है पूरा फेफड़ा तबाह

Health Tip’s : हर साल करीब 1.6 मिलियन लोगों की मौत लंग कैंसर से होती है। फेफड़ों का कैंसर एक गंभीर बीमारी है, जिसकी वजह से हर साल लाखों लोगों की जान जाती है। लंग कैंसर का मुख्य कारण धूम्रपान को माना जाता है। तंबाकू से बनी चीजों का इस्तेमाल करने वाले लोगों में करीब 80 प्रतिशत फेफड़ों के कैंसर का खतरा ज्यादा बढ़ जाता है।

हालांकि ऐसे लोगों को भी लंग कैंसर हो सकता है जो धूम्रपान से दूर रहते हैं। स्टडीज की मानें तो फेफड़े के कैंसर के 20 प्रतिशत पीड़ितों में तंबाकू सेवन का कोई इतिहास नहीं पाया जाता है। फोर्टिस हॉस्पिटल के सीनियर डॉक्टर आर. एस. मिश्रा से हमने बात की और जानने की कोशिश की कि सिगरेट के अलावा और क्या कारण हैं जो फेफड़ों के कैंसर का कारण बनते हैं।

धूम्रपान करने वाले लोगों में फेफडों के कैंसर का खतरा सबसे ज्यादा होता है। इसके अलावा लंग कैंसर की दूसरी सबसे बड़ी वजह बन गया है प्रदूषण। पिछले कुछ सालों में वायु प्रदूषण की वजह से कैंसर के मामले तेजी से बढ़े हैं। इसके अलावा धूम्रपान करने वालों के संपर्क में रहने से लंग कैंसर का खतरा हो सकता है। एस्बेस्टस के संपर्क में आना, रेडॉन गैस, धुएं और आनुवंशिक कारण से भी लंग कैंसर हो सकता है।

फेफड़ों के कैंसर के कारण

  • धूम्रपान करना- फेफड़ों के कैंसर का सबसे बड़ा कारण धूम्रपान को माना जाता है। इसमें सिगरेट, बीड़ी, हुक्का और सिगार से निकलने वाला धुआं और तंबाकू फेफड़ों की कोशिकाओं को गंभीर नुकसान पहुंचाते हैं। स्मोकिंग करने वाले लोगों में लंग कैंसर का खतरा काफी ज्यादा बढ़ जाता है। जो लोग लंबे समय तक किसी भी तरह का धूम्रपान करते हैं उन्हें फेफड़ों का कैंसर होने का खतरा रहता है।
  • सेकेंड हैंड स्मोकिंग- ये वो लोग होते हैं जो खुद तो धूम्रपान नहीं करते, लेकिन ऐसे लोगों के पास रहते हैं जो लगातार धूम्रपान करते हैं। स्मोकिंग से निकलने वाले धुएं में सांस लेते हैं। ऐसे लोगों को भी लंग कैंसर का खतरा काफी बढ़ जाता है। फेफड़ों के कैंसर का एक प्रमुख कारण ये भी है।
  • वायु प्रदूषण- अगर आप ऐसे क्षेत्र में रहते हैं जहां वायु प्रदूषण ज्यादा रहता है तो आपको लंग कैंसर का खतरा हो सकता है। खासतौर से जो लोग खकारखानों में काम करते हैं। किसी कंस्ट्रक्शन साइट या इंडस्ट्रियल एरिया में रहते हैं या काम करते हैं उन्हें फेफड़ों से जुड़ी बीमारी हो सकती हैं। ऐसे लोग कई रसायनिक पदार्थों के संपर्क में आते हैं जो फेफड़ों के लिए घातक साबित होते हैं। विषैली गैसों से लंग कैंसर का खतरा बढ़ता है।
  • जेनेटिक यानि पारिवारिक इतिहास- फेफड़ों के कैंसर का एक बड़ा कारण जेनेटिक भी हो सकता है। यानि अगर आपके परिवार में किसी को पहले से फेफड़ों का कैंसर हुआ है तो आपको भी खतरा हो सकता है। जेनेटिक और कमजोर इम्यून सिस्टम होवे पर भी इस बीमारी का खतरा होता है।

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