रवि कुमार तिवारी,
हरितालिका व्रत 06 सितम्बर 2024 को मनाया जायेगा कथा के अनुसार भाद्रपद शुक्लपक्ष के तृतीया तिथि हस्त नक्षत्र से युक्त हो इस दिन व्रत करने से व्रती महिलाएं सौभाग्य प्राप्त के साथ सभी तरह के पापों से मुक्त हो जाती है। इस वर्ष भाद्रपद शुक्लपक्ष चतुर्थी से युक्त तृतीया तिथि है जो वैधव्य दोष नाशक तथा पुत्र तथा पौत्रादि को बढ़ाने वाला होता है।
तीज का व्रत पुरे साल में तीन तीजो के साथ मनाया जाता है। हरियाली तीज कजरी तीज और हरितालिका तीज। इन तीनों तीज में सबसे ज्यादा महत्व हरितालिका तीज व्रत का है। यह त्यौहार भाद्रपद मास के शुक्लपक्ष के तृतीया तिथि को मनाया जाता है। सुहागिन महिलाएं अपने सौभाग्य को खुशहाल बनाने के लिए पुरे दिन निर्जला उपवास रखकर संध्या में भगवन शिव तथा पार्वती का विशेष तौर पर पूजा/आराधना किया जाता है।
सुयोग्य वर प्राप्त करने के लिए विवाह योग्य युवतियाँ भी हरितालिका व्रत करती है। धार्मिक मान्यता यह है की इस व्रत को करने से सौभाग्य, पारिवारिक सुख, संतान का सुख, चन्द्र दोष अगर बना हुआ है वह भी समाप्त होता है। परिवार के सभी महिलाएं मिल-जुलकर घर में मीठा पकवान बनाती है। वही पकवान गौरी गणेश तथा भगवान शिव को अर्पित करती है ।
|| हरतालिका तीज की शुभकामनाएं ||