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पुलिसकर्मियों ने दो नाबालिग बच्चियों को बनाया बंधक, बोलीं-पढ़ाएंगे कहकर लाए, झाड़ू-पोछा कराया और मारपीट…

पुलिसकर्मियों ने दो नाबालिग बच्चियों को बनाया बंधक, बोलीं-पढ़ाएंगे कहकर लाए, झाड़ू-पोछा कराया और मारपीट…

बिलासपुर। जिले में जशपुर की दो नाबालिग बच्चियों के साथ अमानवीय व्यवहार का मामला सामने आया है। आरोप है कि आरक्षक सुधीर कुजूर और अरुण लकड़ा ने बच्चियों को पढ़ाई के बहाने अपने घर बुलाया और वहां उनसे घरेलू कामकाज कराया, साथ ही उनके साथ मारपीट भी की। यह पूरा मामला तोरवा थाना क्षेत्र के तिफरा सिरगिट्टी का है।

आपको बता दें कि दोनों बच्चिंयों की उम्र 13 और 16 वर्ष बताई जा रही है। यह पूरा मामला बिलासपुर में तोरवा थाना क्षेत्र के तिफरा सिरगिट्टी का बताया जा रहा है, जो बीते 21 जुलाई को लालखदान क्षेत्र में रोती हुई मिली थीं, जिसके बाद चाइल्डलाइन की सूचना पर उन्हें बाल संरक्षण केंद्र भेजा गया और उनके परिजनों को सूचित किया गया। बच्चियों के बयान के आधार पर तोरवा थाना पुलिस ने आरोपी आरक्षक सुधीर कुजूर के खिलाफ गंभीर धाराओं में मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

जानिए क्या है पूरा मामला?

जशपुर जिले की दो नाबालिग बच्चियां (13 और 16 वर्ष) छह महीने पहले सुधीर कुजूर और अरुण लकड़ा द्वारा पढ़ाई और ओपन एग्जाम दिलाने के बहाने बिलासपुर के सिरगिट्टी, तिफरा स्थित पुलिस क्वार्टर में लाई गई थीं। बताया जाता है कि दोनों पुलिसकर्मी बच्चियों के कथित रिश्तेदार हैं।

क्वार्टर में बच्चियों से झाड़ू-पोंछा, बर्तन साफ करना, और अन्य घरेलू काम जबरन कराए गए। काम में कमी होने पर उन्हें डांट-फटकार, मारपीट, और धमकियों का सामना करना पड़ा। छह महीने तक इस प्रताड़ना को सहने के बाद, बच्चियां रविवार रात क्वार्टर से भाग निकलीं और लालखदान में एक मोबाइल दुकान पर पहुंचीं।

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