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अंचल में वृक्षारोपण कर मनाया हरेली तिहार

आरंग /रवि कुमार तिवारी। हमर प्रदेश छत्तीसगढ़ के पहिली पारम्परिक तिहार हरियाली के प्रतीक हरेली की इस पावन अवसर पर एक कदम हरियाली की ओर के तहत विगत वर्षो की भांति इस वर्ष भी वृक्षारोपण कर हरियाली का त्यौहार मनाया गया जिसमे मुख्य रूप से रवि कुमार तिवारी press तिल्दा ब्लॉक रिपोर्टर के साथ इस वर्ष भैंसा व्यपारी संघ के उपाध्यक्ष तथा क्षेत्र के सम्मानीय बिसेन देवांगन जी और उनके परिवार का विशेष सहयोग रहा उनके साथ संजू देवांगन, अज्जू देवांगन, नंद वर्मा, लोचन तिवारी, डागेश्वर वर्मा, जीवन यादव आदि युवाओ का सहयोग रहा वृक्षारोपण करना आज कर्तव्य के साथ साथ अति आवश्यक है क्योंकि वर्तमान मे हो रहे प्राक्रितिक आपदाओ का एक मुख्य कारण हमारे मध्य पर्यावरण का हास है जिसका मुख्य कारण भूमि पर मुख्य रूप से पेड़ पौधों की कमी, और अंधाधुंध कटाइ है क्योंकि आज पेड़ो की उत्पाद से ज्यादा उपभोग हो रहा है जो भविष्य की भयावह स्थति का बखान करती है यदि इसी तरह हास होता रहा तो हमारी धरती ही नहीं रहेगी, जहां एक ओर शासन प्रसासन द्वारा वन क्षेत्र तथा स्थानीय पेड़ो को संरक्षण तो दिया जाता है पर ये काफी नहीं है इसके लिए आप और हमारे जैसे आम लोगो को भी सामने आना पड़ेगा तथा पेड़ पौधों की रोपाई के साथ साथ उनका संरक्षण भी करना होगा जिसको समय रहते संतुलित करना मानव समाज का मुख्य कर्तव्य है अतः समस्त मानव समाज को प्रेरणा स्वरूप यह कार्य निरंतर ग्राम करमा मे हिन्दू नववर्ष, हरेली, महाशिवरात्रि जैसे पावन अवसर पर वृक्षा रोपण कर मनाया जाता है जो निश्चित ही एक नेक पहल है हम आशा करते है कीइससे प्रेरणा लेकर कम से कम समस्त युवा वर्ग अवश्य एक एक पेड़ इस पावन सावन मास मे लगाएंगे और उसके संरक्षण का संकल्प लेकर इस सार्थक पहल मे हमारा साथ देंगे साथ ही समस्त प्रदेश वाशियों को हरेली पर्व की बहुत बहुत बधाई

आध्यात्मिक पक्ष-

श्रावण शब्द श्रवण से बना है जिसका अर्थ है सुनना अर्थात सुनकर धर्म को समझना। वेदों को श्रुति कहा जाता है अर्थात उस ज्ञान को ईश्वर से सुनकर ऋषियों ने लोगों को सुनाया था।

अमावस्या पितरों की उपासना तिथि मानी जाती है। सोमवार के साथ अमावस्या का अद्भुत संयोग जीवन की हर मनोकामनाओं को पूरा कर सकता है। इस दिन उपवास रखकर शिवजी की पूजा और मंत्र जाप किए जाएं तो आर्थिक और पारिवारिक समस्याएं दूर हो जाती हैं।अगर कोई अज्ञात बाधा है तो इस दिन पूजा उपासना से विशेष लाभ लिया जा सकता है। अमावस्या के दिन शिवजी की पूजा प्रदोष काल में करना सर्वोत्तम होता है।

हरियाली अमावस्या का महत्व-

श्रावण मास की अमावस्या को हरियाली अमावस्या कहा जाता है। वातावरण की हरियाली के कारण इसको हरियाली अमावस्या कहा जाता है। इस दिन दान, ध्यान और स्नान का विशेष महत्व है। इसके अलावा इस दिन विभिन्न मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए पौधे भी लगाए जाते हैं। इस तिथि को पौधों के माध्यम से सम्पन्नता और समृद्धि प्राप्त की जा सकती है।

 

 

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