छत्तीसगढ़

पीएम किसान योजना, किसानों को अब नहीं मिलेंगे 6 हजार रुपये !

नई दिल्ली । केंद्र सरकार ने कृषि क्षेत्र को मजबूत करने और किसानों की आमदनी बढ़ाने की योजना पर तेजी से काम कर रही है। इसी के तहत किसान सम्मान निधि में पीएम मोदी बड़ा बदलाव कर सकते हैं।

पीएम किसान योजना को लेकर एक बड़ी जानकारी सामने आ रही है। कहा जा रहा कि अब किसानों को 6 हजार रुपए नहीं ​मिलेंगे बल्कि इस राशि में और इजाफा होकर 9 हजार रुपए मिलेंगे। बता दें कि नए साल 2024 में पीएम मोदी देश के किसानों को खुशखबरी देने जा रहे हैं।

2024 मई में लोकसभा चुनाव होने जा रहे हैं। लोकसभा चुनाव 2024 से पहले मोदी सरकार किसान सम्मान निधि को सालाना 6 हजार की जगह 9 हजार रुपये करने का ऐलान कर सकती है। इसके साथ ही फसलों की बीमा का दायरा भी बढ़ाया जाएगा।

उम्मीद है कि केंद्र सरकार ने इस साल के आगामी बजट में इसके लिए राशि का प्रावधान करने जा रही है। रिपोर्ट्स की मानें तो पीएम किसान की राशि 6000 से बढ़ाकर 9000 रुपए करने की योजना अभी केवल छोटे किसानों के लिए है। यानि वे लघु किसान जिनके पास जमीन कम है। वहीं पीएम किसान की बढ़ी हुई राशि का फायदा बड़े किसानों को नहीं मिलेंगे।

रिपोर्ट केअनुसार, वर्तमान वित्तवर्ष में जारी किए गए 1.44 लाख करोड़ रुपये के बजट से करीब 39 फीसदी अधिक राशि बढ़ाकर सरकार 2024-25 के बजट में एग्रीकल्चर सेक्टर के लिए लगभग 2 लाख करोड़ रुपये का बजट आवंटित कर सकती है। इसमें करीब 39 फीसदी अधिक राशि शामिल होगी। इस नए बजट के फंड से किसानों की आमदनी में वृद्धि और फसल बीमा के क्षेत्र को भी विस्तारित करने का प्रावधान होगा।

सूत्रों की माने तो बजट के आवंटन के बाद, कृषि मंत्रालय ने किसानों को मिलने वाली 6 हजार रुपये की राशि को 9 हजार रुपये करने का फैसला किया है। इससे हर महीने किसानों को 500 रुपये की बजाय अब 750 रुपये की किस्त दी जाएगी।

वर्तमान में पीएम किसान योजना के तहत प्रति वर्ष 6000 रुपये दिए जा रहे हैं। आने वाली फरवरी में किसान सम्मान निधि के 5 साल पूरे हो जाएंगे। ऐसे में केंद्र सरकार अगले 5 साल के लिए किसानों की आमदनी में 50 फीसदी वृद्धि करने की योजना पर काम कर रही है।

फसल बीमा योजना का भी नवनीकरण

पीएम किसान योजना के साथ साथ इसी तरह प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना यानी PMFBY को किसानों के हित में विस्तारित किया जा रहा है। इस योजना की शुरुआत 2016 में हुई थी, जिसके तहत किसानों की फसल को बहुत ही कम प्रीमियम पर बीमा किया जाता है। किसानों को इसके लिए केवल 1.5 से 5 प्रतिशत कुल प्रीमियम देना होता है, जबकि शेष राशि सरकार द्वारा सहायता के रूप में जमा की जाती है।

 

 

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