कैबिनेट गठन के लिए मैराथन बैठकों का दौर, जेपी नड्डा के आवास में कोर कमेटी की मीटिंग
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एनडीए गठबंधन का नेता चुने जाने के बाद सरकार गठन की प्रक्रिया तेज हो गई है। कैबिनेट के लिए भाजपा के शीर्ष नेताओं को सहयोगी दलों से बात करने के लिए नियुक्त किए गए भाजपा प्रमुख जेपी नड्डा के आवास पर कई बैठकें हुईं।
जानकारी के अनुसार भाजपा के वरिष्ठ नेताओं अमित शाह, राजनाथ सिंह और महासचिव बीएल संतोष ने नड्डा के साथ मैराथन बैठक की। पार्टी नेताओं ने आरएसएस के वरिष्ठ पदाधिकारियों से भी अलग से मुलाकात की। नड्डा और शाह ने शाम को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से उनके आवास पर मुलाकात की है।
भाजपा के सूत्रों ने कहा कि विभागों को लेकर सहयोगी दलों के साथ बातचीत अभी औपचारिक रूप नहीं ले पाई है। लेकिन, एनडीए के सभी सहयोगी इस बात पर सहमत हैं कि सरकार गठन में कोई बाधा नहीं आनी चाहिए। उन्होंने कहा कि भाजपा इस बात को लेकर आश्वस्त है कि वह लोकसभा अध्यक्ष के पद के अलावा गृह, वित्त, रक्षा और विदेश मंत्रालय के साथ-साथ आम आदमी के जीवन से जुड़े मंत्रालयों को भी अपने पास रखेगी।
पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि लोकसभा अध्यक्ष का पद पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार में टीडीपी को दिया गया था, जब आंध्र प्रदेश की पार्टी केंद्र में सरकार का हिस्सा नहीं थी।
एन चंद्रबाबू नायडू की अगुआई वाली टीडीपी के सूत्रों के हवाले से बताया कि उनका प्राथमिक ध्यान आंध्र प्रदेश और उसके विकास पर है, इसलिए पार्टी ऐसे विभागों की मांग कर सकती है, जो पोलावरम सिंचाई परियोजना और राज्य की नई राजधानी अमरावती के निर्माण को तेजी से पूरा करने में मदद करेंगे।
टीडीपी के सीनियर सांसद राम मोहन नायडू ने पार्टी का रुख साफ करते हुए कहा कि हमारी प्राथमिकता आंध्र प्रदेश का विकास और लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करना है। हमारे पार्टी प्रमुख इसके आधार पर निर्णय लेंगे।” उन्होंने कहा कि टीडीपी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र में सुचारू और स्थिर एनडीए सरकार के लिए प्रतिबद्ध है। संकेत मिले हैं कि टीडीपी और जेडीयू दोनों प्रमुख गठबंधन सहयोगी-आंध्र प्रदेश और बिहार के लिए वित्तीय सहायता या विशेष दर्जा की मांग कर सकते हैं।