
रायगढ़। आरपीएफ पोस्ट में तैनात प्रधान आरक्षक एस. लदेर ने कथित विवाद के चलते अपने साथी प्रधान आरक्षक पीके मिश्रा को चार गोलियां मार दीं। घटना नाइट ड्यूटी के दौरान तड़के 4:15 बजे हुई। आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है, जबकि पुलिस घटना के कारणों की जांच कर रही है।
तड़के आरपीएफ पोस्ट में गूंजे गोलियों के धमाके
रायगढ़ रेलवे सुरक्षा बल (RPF) पोस्ट में सोमवार तड़के उस समय हड़कंप मच गया जब एक प्रधान आरक्षक ने अपने ही साथी प्रधान आरक्षक पर गोली चला दी। घटना सुबह लगभग 4:15 बजे की बताई जा रही है, जब दोनों आरक्षक नाइट ड्यूटी पर थे और बाकी आरक्षक स्टेशन परिसर में गश्त पर निकले हुए थे|
अचानक आरपीएफ कार्यालय के भीतर से गोली चलने की आवाजें सुनाई पड़ीं। मौके पर पहुंचे पुलिसकर्मियों ने देखा कि प्रधान आरक्षक पीके मिश्रा कुर्सी पर लहूलुहान हालत में मृत पड़े थे। उनके सामने ही आरोपी प्रधान आरक्षक एस. लदेर 9 एमएम की पिस्टल हाथ में पकड़े खड़ा था।
चार राउंड फायर, कनपटी में लगी गोली
सूत्रों के अनुसार, आरोपी ने अपनी सर्विस पिस्टल से चार राउंड फायर किया। इनमें से एक गोली मिश्रा की कनपटी में लगी, जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई। बाकी गोलियां दीवार और फर्नीचर में धँस गईं।सहकर्मियों ने तुरंत आरोपी से पिस्टल छीनकर उसे काबू में किया और वरिष्ठ अधिकारियों को इसकी सूचना दी।
आईजी और वरिष्ठ अधिकारी पहुंचे मौके पर
घटना की जानकारी मिलते ही आरपीएफ के आईजी मुनव्वर खुर्शीद और स्थानीय पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी घटनास्थल पर पहुंचे। फॉरेंसिक टीम को भी बुलाया गया है ताकि घटनास्थल की बारीकी से जांच की जा सके।अधिकारियों ने बताया कि आरोपी प्रधान आरक्षक से पूछताछ जारी है और प्रारंभिक तौर पर इसे आपसी विवाद का मामला माना जा रहा है।
विवाद की वजह अस्पष्ट, आरोपी पर पहले भी थे शिकायतें
हालांकि इस बात की अभी तक स्पष्ट जानकारी नहीं मिल पाई है कि दोनों के बीच किस बात को लेकर विवाद हुआ था। लेकिन आरपीएफ विभाग के सूत्रों का कहना है कि —
- आरोपी एस. लदेर अक्सर शराब के नशे में रहता था,
- उसके खिलाफ पूर्व में भी अनुशासनहीनता की शिकायतें दर्ज की गई थीं,
- कई बार वरिष्ठ अधिकारियों ने उसे चेतावनी भी दी थी।
फिलहाल पुलिस यह भी जांच कर रही है कि घटना के समय आरोपी नशे में था या नहीं।
मृतक का प्रमोशन अगले महीने होने वाला था
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, मृतक प्रधान आरक्षक पीके मिश्रा का प्रमोशन अगले महीने ड्यू था। वे लंबे समय से ईमानदारी और शांत स्वभाव के लिए जाने जाते थे। उनके सहकर्मियों ने बताया कि वे विभाग में लोकप्रिय थे और किसी से गंभीर विवाद की जानकारी पहले कभी नहीं मिली।उनकी अचानक हुई हत्या से विभाग में शोक और आक्रोश का माहौल है।
मामले की जांच जारी
रायगढ़ पुलिस और आरपीएफ की संयुक्त टीम आरोपी से पूछताछ कर रही है। अधिकारियों का कहना है कि जब तक पूछताछ पूरी नहीं होती, घटना के वास्तविक कारणों का खुलासा नहीं किया जा सकता।पुलिस ने फिलहाल हत्या का मामला दर्ज कर लिया है और आरोपी को न्यायिक प्रक्रिया के तहत आगे बढ़ाया जाएगा।


