रायपुर। छतीसगढ़ में आरक्षण कटौती का द्वंश अनुसूचित जाती वर्ग वर्षो से झेल रहे है तत्कालीन भाजपा की रमन सिंह की सरकार में 16 % से घटाकर 12 %कर दी ,वर्तमान कांग्रेस की भूपेश बघेल की सरकार ने आरक्षण बहाली का भरोसा देकर प्रचंड बहुमत से कांग्रेश की सरकार बनाई , तथा मात्र 1% आरक्षण बढौतरी को भारी उत्साह के साथ बड़ी ढोल पिटा तथा खूब वाहवाही लुटने का प्रयास किया , आरक्षण कटौती को लेकर अनुसूचित जाती वर्ग द्वारा मान. न्याय पालिका में आरक्षण बहाली को लेकर फरियाद किया , जिसमे पूर्व की भांति 16 %आरक्षण मिलना सुनिश्चित हुये थे , की कांग्रेस की भूपेश बघेल की सरकार संविधान दिवस के पुनीत अवसर में ही अनुसूचित जाती वर्ग का आरक्षण कटौती का फरमान जारी कर दिये ,विशेष सत्र बुलाकर भाजपा सरकार के निर्णय को पुन: लागु कर दिया अनुसूचित जाती वर्ग को मिलने वाली 16 % के स्थान पर 13 % आरक्षण मिलेगी तुगलकी निर्णय से एस.सी. काफी खफा है।
सरकार वर्ग विशेष को खुस करने के चक्कर में आनन फानन में कैबिनेट में निर्णय ले ली , जो की भाजपा एवं कांग्रेश की असली चेहरा को बेनकाब करती है। दोनों दल आरक्षण को लेकर राजनीती कर रहे है। आरक्षण कटौती से उक्त समुदाय सरकार के इस दुर्भाग्यपूर्ण निर्णय से काफी आक्रोशित है।
परमानंद जांगडे ने भूपेश सरकार से मांग किया है की अनुसूचित जाती वर्ग को मिलने वाली 16 % आरक्षण बहाल करे सरकार किसी भी वर्ग समुदाय को आरक्षण प्रदान करे ,अथवा बढ़ोतरी करे कोई आपत्ति नहीं है , लेकिन अनुसूचित जाती वर्ग समुदाय के हक़ अधिकार को बार –बार ना छीने , आरक्षण बहाली के लिए सरकार से गुहार लगाई है।
परमानंद जांगडे ने कांग्रेस सरकार में जमे हुये मंत्री विधायक तथा संवेधानिक पद में आशीन लोगो से भी अनुरोध किया है की सरकार के इस दुर्भाग्यपूर्ण निर्णय का विरोध कर समाज को न्याय दिलाये ,समाज के साथ शोषण अन्याय के विरुद्ध सरकार में सहभागी होना समाज के साथ धोखा होगा।
देश में उच नीच की प्राचीन प्रथा ने भेदभाव को जन्म देकर एक बड़ा रूप ले लिया , देश की आजादी के बाद भारतीय संसद में संविधान निर्माता डॉ बाबा भीम राव अम्बेडकर ने वंचित शोषित वर्ग को क़ानूनी अधिकार आरक्षण के रूप में प्रदान किया , वर्षो से शोषित वर्ग जो भेदभाव जाती उत्पीडन से पीड़ित रहे है।
जिनके कारण उक्त वर्ग समुदाय आर्थिक ,समाजिक ,राजनैतिक ,शैक्षणिक रूप से असमानता के कारण काफी पिछड़े रहे ,जिसे भारतीय संविधान ने क़ानूनी अधिकार के रूप में आरक्षण का लाभ देते हुये देश के उन्नति में समान रूप से सहभागी बने , जिससे देश उन्नति के पथ पर अग्रसर हो तथा देश में असमानता का अभिशाप खत्म हो ,उनके लिए समानता का अवसर के रूप में आरक्षण प्रदान किया है।