मुंगेली

राजकीय पशु वन भैंसे की संदिग्ध हालत में मौत,घटना के 4 दिन बाद भी DFO को जानकारी नही

मुंगेली

मुंगेली जिला में राजकीय पशु वन भैसा की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत का मामला सामने आया हैं। इस पूरे घटनाक्रम में सबसे चैकाने वाली बात ये रही कि वन्य पशुओं पर पैनी निगरानी रखने का दावा करने वाले वन विभाग के अफसरों को ही इस घटना की जानकारी 4 दिनों तक नही लग सकी। अब जब इस मामले का खुलासा हुआ हैं, तो अफसर घटना के कारणों की जांच का हवाला दे रहे हैं।

गौरतलब हैं कि सरकार वन्यजीवों के संरक्षण के लिए हर साल करोड़ों रुपए खर्च करती हैं। लेकिन वन विभाग के ये सारे प्रयास केवल कागजों तक ही सिमटते नजर आ रहे हैं। जीं हां आपको अगर यकीन नही होता, तो मुंगेली जिला चले आईये। यहां जंगलों में वन्य जीवों की मौत के कई दिनों बाद भी अफसरों को इसकी जानकारी नही मिल पाती हैं। दरअसल पूरा मामला मुंगेली जिला के लोरमी क्षेत्र के परसवारा जंगल का है । जानकारी के अनुसार घटना बीते 4 दिनों पहले का है। जहां परसवारा बीट के गार्ड ललित बंजारे को मौके पर चौकीदार के माध्यम से इंडियन गौर मृत अवस्था में पड़ा हुआ मिला था। क्षेत्र में कार्यरत फायर वाचर होरीलाल और वेदराम ने गार्ड पर आरोप लगाया है, कि इस घटना की सूचना तुरंत वनरक्षक को दिया गया था।

लेकिन गार्ड ललित बंजारे और वनपाल सावित ध्रुव द्वारा संबंधित परिक्षेत्र अधिकारी को समय पर सूचना नही दिया गया। जबकि वनपाल द्वारा उपवनमंडलाधिकारी लोरमी को सूचना मौके पर दे दिया गया था। इस पूरे मामले पर जहां वरिष्ठ अधिकारी ने प्राकृतिक मौत का हवाला देकर पल्ला झाड़ लिया। वही डीएफओं को इसकी जानकारी देना गवारा नही समझा गया। ताकि तत्काल कोई कार्यवाही की जा सकती। बताया जा रहा हैं कि वन विभाग के जवाबदार लोगों ने रेंजर तक को भी जानकारी नही दी गई थी । वरिष्ठ अधिकारियों के बताए अनुसार गार्ड ललित बंजारे द्वारा वनभैंसे के मौत के मामले को दबाने से जांच में विलंब हुआ। उसके द्वारा किसी भी प्रकार से लिखित या फ़ोन के माध्यम से रेंजर या डीएफओं को सूचना देना जरूरी नही समझा गया।

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