छत्तीसगढ़

देश वासियों को लूट कर पुरा कमाई दे रहे हैं अदानी और अंबानी को : डॉ रश्मि चंद्राकर

महासमुंद। लगातार पेट्रोल-डीजल के दामों में बढोतरी को देखते हुए जिला कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष डॉ रश्मि चंद्राकर
ने केंद्र सरकार को घेरते हुए कहां की हम दो , हमारे दो ” ” डीजल 90 , पेट्रोल 100 ” शर्मनाक बात यह है कि पेट्रोल – डीजल पर टैक्स लगा खुली लूट , करने के बावजूद भाजपा सरकार इसका दोष भी कांग्रेस पर मंढ कर अपना पीछा छुड़ाना चाहती है ।

आइए , देश की जनता से 21 , 50,00,000 करोड़ की लूट की सच्चाई जानें 1. 26 मई , 2014 को कच्चे तेल की कीमत थी , अमेरिकी $ 108.05 प्रति बैरल । 19 फरवरी , 2021 को कच्चे तेल की कीमत है , अमेरिकी $ 63.65 प्रति बैरल। 2014 में पेट्रोल की कीमत 71.51 रुपए प्रति लीटर थी , जो आज बढ़कर 90.19 रुपए प्रति लीटर हो गई है यानि कच्चे तेल की कीमत 41 प्रतिशत कम हो गई , पर पेट्रोल की कीमत 26 प्रतिशत बढ़ गई ।

इसी प्रकार मई 2014 में डीजल की कीमत 57.28 रुपए प्रति लीटर थी , जो आज बढ़कर 80.60 रुपए प्रति लीटर हो गई है। यानि कच्चे तेल की कीमत 41 प्रतिशत कम हो गई , पर फिर भी डीजल की कीमत 40.7 प्रतिशत बढ़ गई। आज के कच्चे तेल की कीमत के आधार पर देश में पेट्रोल की कीमत 32.72 रुपए तथा डीजल की कीमत 33. 46 रुपए होनी चाहिए ।

( इस बारे लागत + टैक्स का इंडियन ऑयल का चार्ट अपने आप में सच्चाई बताता है, फिर मोदी सरकार 32 रुपए प्रति लीटर का पेट्रोल , 90 रुपए प्रति लीटर में क्यों बेच रही है ? उसी प्रकार मोदी सरकार 34 रुपए प्रति लीटर का डीजल 80 रुपए प्रति लीटर में क्यों बेच रही है ? इसका कारण साफ है- मोदी सरकार ने डीजल पर 820 प्रतिशत एक्साइज ड्यूटी लगा तथा पेट्रोल पर 258 प्रतिशत एक्साइज ड्यटी लगा जनता की जेब पर डाका डाला है। मई , 2014 से आज , जनवरी , 2021 तक की मोदी सरकार ने पेट्रोल – डीजल पर टैक्स लगाकर जनता की जेब से 21 लाख , 50 हजार करोड़ ( 21.50.00.000 करोड़ ) कमाए हैं ।

ये पैसा कहाँ गया? मोदी सरकार ने घरेलू कच्चे तेल का उत्पादन 53,66,000 मीट्रिक टन गिर गया है । कांग्रेस यूपीए के कार्यकाल में घरेलू कच्चे तेल का उत्पाद देश के कुल कच्चे तेल की खपत का 23.4 प्रतिशत था । मोदी सरकार के 6 सालों में यानि , साल 2014 से 2020 के बीच ये कम होकर 15.8 प्रतिशत हो गया है । सच्चाई यह है कि कच्चे तेल का घरेलू उत्पादन करने वाली सरकारी कंपनी ONGC का बजट ही मोदी सरकार ने काट दिया ।

साल 2020-21 में ONGC का बजट 32,501 करोड़ रुपए था . इस साल कम करके 29,800 करोड़ रुपए कर दिया है । यही नहीं गुजरात की डूबी हुई कंपनी – ‘ गुजरात स्टेट पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन- GSPC ‘ को जबरन ONGC को बेचकर ONGC को इस बात के लिए मजबूर किया गया कि वह 24,881 करोड़ रुपए का कर्जा ले ।

यही नहीं ONGC का कच्चे तेल की खोज का बजट भी साल 2014 में 11.687 करोड़ रुपए था . जो साल 2020 में घटकर 4.330 करोड़ रुपए हो गया है । यह अपने आप में मोदी सरकार द्वारा देश में कच्चे तेल का उत्पादन करने वाली ONGC की बर्बादी की कहानी को बताता है।

अंत में डाॅ रश्मि चंद्राकर जिलाध्यक्ष
महासमुंद कांग्रेस कमेटी ने केंद्र सरकार से यह मांग करते हुए कहा की मोदी सरकार तेल की लूट बंद करे , तथा देश के 130 करोड़ लोगों को पेट्रोल – डीजल के दामों में कटौती कर राहत दे।

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