रायपुर। राजधानी रायपुर के फुंडहर स्थित कोविड अस्पताल से 10 अप्रैल से एक महिला लापता है। 14 अप्रैल की देर रात घर वालों को इस बात की जानकारी मिली। इस बीच घर वाले कोविड सेंटर पहुंचकर संक्रमित महिला के लिए नाश्ता पहुंचा रहे थे।
उसका हाल-चाल फुंडहर अस्पताल के स्टाफ से पूछ रहे थे और कर्मचारी घर वालों से रोज झूठ बोल रहे थे। जब महिला के बेटे ने उससे फोन पर बात करने की जिद की तो पता चला कि अस्पताल में जिस महिला के लिए चार दिनों से वे नाश्ता भेज रहे थे, वह तो वहां है ही नहीं।
पूरे प्रदेश में कोरोना के भारी संकट के बीच ऐसी लापरवाही का ये पहला मामला है। महिला के परिवार के लोग परेशान हैं और अब सरकारी अस्पतालों में जाकर उन्हें ढूंढ रहे हैं। संक्रमित महिला के बेटे धनंजय ने बताया कि हमने इस पूरे मामले की जानकारी चीफ मेडिकल अफसर को दी है।
धनंजय ने बताया कि फुंडहर अस्पताल के डॉक्टर से पूछा तो उन्होंने कहा कि नौ तारीख को एडमिट होने के बाद 10 तरीख को मरीज को रेफर किया गया है।
कहां रेफर किया गया इसकी जानकारी हॉस्पिटल के स्टाफ ने नहीं दी। पिछले चार दिनों से अब मेरी मां कहां हैं, किस हाल में हैं मुझे नहीं पता। इसका जिम्मेदार कौन होगा।
धनंजय ने बताया कि जिला प्रशासन के किसी अफसर और डॉक्टर्स ने कोई मदद नहीं की। फुंडहर के अस्पताल से स्वजनों ने पता किया गया तो एक सीसीटीवी फुटेज में ले जाते हुए देखा गया।
पता चला है कि उन्हें आंबेडकर अस्पताल ले जाया गया है। हालांकि, गुरुवार सुबह रिश्तेदार आंबेडकर अस्पताल जाकर भी पता करके लौट चुके हैं। वहां भी कुछ पता नहीं चला। गलत नाम से एंट्री किए जाने की बातें भी सामने आ रही है। लेकिन महिला का कोई पता नहीं चल सका है।