छत्तीसगढ़

कांग्रेस विधायक शकुंतला साहू विवादित ट्वीट को लेकर फिर चर्चा में आईं

रायपुर। हमेशा से अपने बयानों और हरकतों को लेकर चर्चा में रहने वाली छत्तीसगढ़ के कसडोल से कांग्रेस विधायक और संसदीय सचिव शकुंतला साहू एक बार फिर से विवादों में हैं. दरअसल शकुंतला साहू ने एक ट्वीट किया था, जिस पर विवाद हो गया. उन्होंने ट्वीट में लिखा कि ‘गुजराती है, उसके खून में व्यापार है. देश को तो बेचकर ही मानेगा’. इशारा देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरफ था, हालांकि किसी का नाम ट्वीट में नहीं लिखा गया था. जिसके बाद सोशल मीडिया पर लोगों के साथ-साथ बीजेपी नेताओं के कमेंट भी आने शुरू हो गए और विधायक का यह पोस्ट चर्चा में आ गया. जिसके बाद विधायक शकुंतला साहू ने अपना ट्वीट हटा दिया है और उन्होंने गुजराती समाज से माफी भी मांग ली है।
भाजपा के पूर्व विधायक और गुजराती समाज के प्रमुख देव जी भाई पटेल ने एक करारा सवाल कांग्रेस से किया है. देव जी भाई पटेल ने पूछा है कि महात्मा गांधी भी गुजराती थे, उन्होंने देश में क्या बेचा ?

गुजराती समाज ने कार्रवाई तक की मांग कर दी-

विधायक शकुंतला साहू का पोस्ट चर्चा में आने के बाद भाजपा के पूर्व विधायक और गुजराती समाज के प्रमुख देव जी भाई पटेल ने एक करारा सवाल कांग्रेस से किया है. देव जी भाई पटेल ने पूछा है कि महात्मा गांधी भी गुजराती थे, उन्होंने देश में क्या बेचा ?
शकुंतला साहू के ट्वीट को लेकर भाजपा नेता प्रितेश गांधी ने कहा- जिस तरह सोशल मीडिया में गुजराती समाज पर आक्षेप लगाए गए हैं, वह निंदनीय है. इससे गुजराती समाज आक्रोशित है और शकुंतला साहू को अपने इस बयान के लिए पूरे समाज माफी मांगनी होगी. सोशल मीडिया पर ऐसा बयान जारी करना उनकी असंवेदनशीलता को दिखाता है. वे एक जनप्रतिनिधि हैं और उन्हें इस तरह किसी की भावना को ठेस पहुंचाना शोभा नहीं देता।

शुरू में भाजपा नेता प्रितेश गांधी ने शकुंतला साहू पर आरोप लगाते हुए कहा है कि कांग्रेस विधायक को पूरे गुजराती समाज से माफी मांगनी चाहिए. अगर वह ऐसा नहीं करती हैं, तो उनके खिलाफ पुलिस थाने में सामाजिक भावनाओं को आहत करने और अपमानित करने के खिलाफ पूरे प्रदेश में गुजराती समाज के सदस्य शिकायत दर्ज कराएंगे।

बाद में ट्वीट डिलीट कर माफी भी मांगी-

विवाद बढ़ता देख विधायक शकुंतला साहू ने ट्वीट को डिलीट कर दिया है. उन्होंने दूसरे पोस्ट में लिखा है कि लोकतन्त्र में जनप्रतिनिधि ही समाज का आईना होते हैं, उनको कोशिश करनी चाहिए कि अपना चेहरा और आईना दोनों पर कोई दाग ना हो. आगे उन्होंने लिखा है कि उनकी मंशा किसी समाज विशेष के मान को ठेस पहुंचाने की कदापि नहीं थी. अगर किसी को उनकी बातों से कष्ट पहुंचा है, तो वे खेद प्रकट करती हैं।

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