छत्तीसगढ़

राजधानी के जेलों में फिर बढ़ा कोरोना का खतरा, दो कैदियों की मौत से बंदियों में दहशत

रायपुर। रायपुर सेंट्रल जेल समेत प्रदेशभर की जेलों में भी कोरोना के दूसरी लहर का खतरा मंडराने लगा है। अब तक रायपुर और बलौदाबाजार जेल के दो कैदियों की कोरोना से मौत हो चुकी है। कैदियों के मौत से जेल प्रशासन में हड़कंप मचा हुआ है। दो कैदियों की मौत के बाद जेल डीआईजी केके गुप्ता समेत कई जेल कर्मी क्वारंटाइन हो गए है। ऐसे में अन्य कैदियों में भी कोरोना संक्रमित होने का खतरा बढ़ गया है।

बावजूद कोरोना का संक्रमण जेल के भीतर दाखिल होने से नहीं रोका जा सका है। एक के बाद एक दूसरी मौत से अन्य कैदियों में दहशत का माहौल है।कई क़ैदियों के संक्रमित होने की खबर है लेकिन इसकी अधिकारिक पुष्टि नहीं हो पाई।

जेल विभाग के सूत्रों ने बताया कि रायपुर समेत प्रदेश के बिलासपुर, दुर्ग, जगदलपुर समेत अन्य जेल के भीतर कई और कैदी कोरोना संक्रमित पाए गए हैं, उनका इलाज जेल अस्पताल में ही चल रहा है। जबकि अंबिकापुर सर्किल के एक भी जेल में कोरोना संक्रमण के केस सामने नहीं आए है।

रायपुर -बलौदाबाजार जेल के कैदियों की मौत के बाद यह सवाल उठने लगा कि जेलों में क्षमता से अधिक रखे गए बाक़ी क़ैदियों को संक्रमण से कैसे बचाया जाएगा? अकेले रायपुर सेंट्रल जेल में 15 सौ क़ैदियों के रखने की क्षमता का है, जबकि क़रीब तीन हज़ार क़ैदी रखे गए ह।

इनको कोरोना संक्रमण से बचाने संभव नहीं है। यही हाल प्रदेश की अन्य जेलों का है। क्षमता से अधिक क़ैदियों का बोझ ढो रहे जेलों में कोरोना का संक्रमण रोकने ठोस पहल की ज़रूरत है। पिछले साल कोरोना वायरस का फैलाव रोकने के लिए सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर जेलों में कैदियों की संख्या कम करने उन्हें पेरोल व जमानत पर छोड़ा गया था। जिनकी वापसी हो चुकी है।

पिछले साल मार्च के महीने में कोरोना के जब कम केस थे, उस समय कई जिलों से कैदियों को कुछ शर्तों के अधीन अंतरिम जमानत और पैरोल पर छोड़ा गया था। छत्तीसगढ़ के कई जेलों से हजारों की संख्या में कैदियों को पैरोल पर दिसंबर 2020 तक रिहा किया गया था। इससे काफी हद तक जेलों में कोरोना संक्रमण फैलने से रोका जा सका था।

लिहाजा इस बार भी कैदियों को पैरोल पर छोड़ने की जरूरत जेल के अधिकारी महसूस कर रहे है, क्योंकि कोरोना से दो कैदी ने दम तोड़ दिया है, जबकि दो कैदी बीमार हैं। जेल में एक दूसरे के संपर्क में कैदी रहते ही है, जिस बैरक में एक कैदी कोरोना संक्रमित मिलता है, तो उस बैरक के पूरे कैदियों के संक्रमित होने का खतरा बना हुआ है।

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