छत्तीसगढ़

राजधानी में दीनदयाल रसोई से हर दिन 5000 लोगों का भर रहा पेट

रायपुर। राजधानी में कोरोना काल के दौरान लाकडाउन के बीच पंडित दीनदयाल रसोई हर दिन 5000 लोगों का पेट भर रही है। निश्शुल्क भोजन की सुविधाओं का लाभ जहां चौक-चौराहों पर भूखे जरूरतमंदों को मिल रहा। वहीं जरूरतमंद गरीब परिवार, अस्पतालों, बाहर से आकर रह रहे छात्रों को भी इसका लाभ मिल रहा है।

दरअसल पंडित दीनदयाल रसोई की यह सेवा भाजपा नेता और पूर्व मंत्री राजेश मूणत की पहल से शुरू की गई है। इसमें मंडल स्तर पर भाजपा के सैकड़ों कार्यकर्ता एकजुट होकर कार्य कर रहे हैं। मूणत ने बताया कि छत्तीसगढ़ में कोरोना में बढ़ते प्रकोप के लाकडाउन कारण पड़ा है। ऐसी स्थिति में गरीब जरूरतमंद वर्ग, रिक्शा, ठेला चालक, गार्ड, मजदूरी करने के लिए बाहर से आये लोगों समेत अन्य को दो समय का भोजन भी सही ढंग से नहीं मिल पा रहा है।

ऐसे में एकात्म मानवतावाद का संदेश देते हुए पंडित दीनदयाल रसोई की शुरू की गई। उन्होंने बताया कि भोजन के साथ ही मास्क, सैनिटाइजर समेत जरूरी सामानों का भी वितरण किया जा रहा है। वहीं, कोरोना मरीजों को इलाज मुहैया कराने में भी मदद की जा रही है।

मूणत ने बताया कि रायपुर पश्चिम विधानसभा के चार मंडलों में पंडित दीनदयाल रसोई की स्थापना की है। इसमें लगातार लगभग पांच हजार भोजन के पैकेट बनाकर शहर के दूर-दराज क्षेत्रों, बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन व चौक-चौराहों में जरूरमंदों, रिक्शा, ठेला चालक, आम्बेडकर अस्पताल, जिला अस्पताल आदि जगहों पर जाकर निश्शुल्क भोजन के पैकेट बांटे जा रहे हैं। इसके लिए अलग-अलग क्षेत्रों के कार्यकर्ता टोलिया बनाकर भोजन वितरण के कार्य मे जुटे हैं।

कार्यकर्ताओं ने बताया कि शहर में हजारों ऐसे परिवार हैं। जिनके यहां कोरोना संक्रमण से लोग जूझ रहे हैं। कई जरूरतमंद परिवारों के घर खाने की समस्या है या कहीं बुजुर्ग होने की वजह से बनाने वाला कोई नहीं है। ऐसे लोगों के घर भी नियमित भोजन के पैकेट पहुंचाए जा रहे हैं। लाकडाउन के दौरान कार्यकर्ता निश्वार्थ सेवा से लोगों की मदद के लिये 24 घंटे तत्परता से जुटे हैं।

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