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छत्तीसगढ़ नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव के परिणाम एक साथ घोषित, कांग्रेस की चुनाव आयोग से मांग…

रायपुर। छत्तीसगढ़ में 20 जनवरी को राज्य निर्वाचन आयोग ने नगरीय निकाय चुनाव और त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की तारीखों का ऐलान किया. अब चुनाव की तारीखों और रिजल्ट की तारीखों को लेकर सियासी सरगर्मी बढ़ गई है. पीसीसी चीफ दीपक बैज ने इस बाबत प्रेस कॉन्फ्रेंस की है. इन तारीखों को लेकर कांग्रेस ने आपत्ति जताई है. कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज का कहना है कि जब एक साथ आचार संहिता लग रही है , नामांकन दाखिल हो रहे हैं, तो चुनाव परिणाम अलग-अलग क्यों घोषित किए जाएंगे.

पंचायत चुनाव होंगे प्रभावित: पीसीसी चीफ दीपक बैज ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर राज्य निर्वाचन आयोग से मांग की है कि इससे पंचायत चुनाव प्रभावित होंगे. अलग अलग चुनाव परिणाम का असर पंचायत चुनाव पर पड़ेगा. कांग्रेस ने मांग की है कि नगरीय निकाय चुनाव और पंचायत चुनाव का रिजल्ट एक साथ जारी किया जाए. इनके परिणाम एक ही दिन जारी किए जाएं. फरवरी में नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव संपन्न हो रहे हैं. 15 फरवरी को नगरीय निकाय चुनाव परिणाम भी घोषित हो रहा है . वहीं 18, 21 और 24 फरवरी को पंचायत चुनाव परिणाम घोषित होंगे.

जब प्रदेश में नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव को लेकर एक ही दिन आचार संहिता लग रही है. उसके बाद परिणाम 15 ,18, 21 और 24 फरवरी को घोषित होंगे. परिणाम की तारीख अलग अलग क्यों है. इसकी क्या वजह है. इससे जनता पर परिणाम का असर होगा और सरकार इसका दुरुपयोग करेगी. इसलिए हमने चुनाव आयोग को पत्र लिखकर मांग कि है, यह चुनाव परिणाम एक साथ 24 फरवरी को घोषित किया जाए. -दीपक बैज, पीसीसी चीफ, छत्तीसगढ़

चुनाव से बोर्ड परीक्षा पर पड़ेगा असर: पीसीसी चीफ दीपक बैज ने कहा कि नगरीय निकाय चुनाव और त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव का असर बोर्ड परीक्षा पर पड़ेगा. चुनाव और परीक्षा एक साथ हो रही है सरकार इसका आंकलन नहीं कर रही है, 14 तारीख से बोर्ड परीक्षाएं परीक्षाएं शुरू हो रही है. उस दौरान चुनाव भी होंगे और प्रचार किया जाएगा. इस दौरान लाउड स्पीकर बजाए जाएंगे. इसका असर बच्चों की पढ़ाई पर पड़ेगा. इसे लेकर परीक्षार्थी और उनके अभिभावक चिंतित नजर आ रहे हैं.

चुनाव में कांग्रेस के पास मुद्दों की कमी नहीं: पीसीसी चीफ दीपक बैज ने कहा कि चुनाव में कांग्रेस के पास मुद्दों की कमी नहीं है. एक साल में ही भाजपा सरकार ने जनता की उम्मीदों पर पानी फेर दिया है. खुलेआम सभी विभागों में ट्रांसफर और पोस्टिंग में भ्रष्टाचार हुआ है. किसानों को ₹3100 धान का समर्थन मूल्य नहीं मिल रहा है. प्रदेश में कानून व्यवस्था बिगड़ गई है. ऐसे कई मुद्दे हैं जिनको लेकर वह इस चुनाव में जनता के बीच जाएंगे.

हार का डर किसे सता रहा है, वह इस बात से पता चल गया कि दिसंबर का चुनाव अब कराया जा रहा है-दीपक बैज, पीसीसी चीफ, छत्तीसगढ़ भर्तियों में हो रहा घोटाला, नौकरी छीन रही सरकार”: पीसीसी चीफ दीपक बैज ने कहा कि छत्तीसगढ़ में कई विभागों में भर्तियां चल रही है. पुलिस आरक्षक भर्ती चल रही है. उन्होंने राजनांदगांव में पुलिस भर्ती में बड़ा घोटाले का आरोप लगाया है. अपने लोगों को लाभ पहुंचाने के लिए पुलिस भर्ती नियम बदला और भ्रष्टाचार किया गया है. इसके साथ ही वन विभाग की भर्ती में रात को दौड़ाया गया. उसके बाद शारीरिक मापदंड की परीक्षा हुई. इसका मतलब है कि वन विभाग में भी भगवान भरोसे भर्ती चल रही है. इस भर्ती में भी बड़ा घोटाला हुआ है.

शिक्षकों को बर्खास्त करना सरकार की सबसे बड़ी असफलता है. नौकरी की मांग करने वाले महिला शिक्षकों के साथ किस तरह का बर्ताव किया जा रहा है वह आप सोशल मीडिया में देख सकते हैं. ओबीसी वर्ग को अधिकारों से वंचित कर दिया गया है. जिसे लेकर इस वर्ग में सरकार के खिलाफ गुस्सा है. वह इस चुनाव में सरकार को सबक सिखाएगी-दीपक बैज, पीसीसी चीफ, छत्तीसगढ़
नगरीय निकाय चुनाव और पंचायत चुनाव के मद्देनजर कांग्रेस ने राज्य सरकार और बीजेपी पर कई सवाल दागे हैं. अब देखना होगा कि बीजेपी की तरफ से इस मुद्दों पर क्या जवाब दिया जाता है.

 

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